समझदार बंदर


किसी गाँव में एक बुढ़िया रहती थी। एक दिन उसके घर में साँप निकल आया। साँप देखकर वह डरी नहीं, उसने साँप को जीवित पकड़कर एक हाँडी में बंद कर लिया। हाँडी को वह गाँव के बाहर एक पेड़ के नीचे रख आई।


पेड़ पर बंदर रहते थे। हाँडी. देखकर एक बंदर धीरे-धीरे पेड़ से नीचे उतरा। उसने हाँडी उठाई और पेड़ पर चढ़ गया। हाँडी में कोई खाने की चीज होगी, ऐसा सोचकर उसके मुँह में पानी भर आया। उत्सुकतावश उसने हाँडी पर से कपड़ा हटाया।


तुरंत एक जहरीले साँप ने उसमें से मुँह निकाला और बंदर को काटने के लिये फन फैला दिया। बंदर डर गया परंतु डरकर उसने अपनी बुद्धि नहीं खोई । झट एक हाथ साँप की गर्दन को कसकर पकड़ लिया। साँप ने अपनी पूँछ से बंदर के दूसरे हाथ को जकड़ लिया। बंदर ने साँप की गर्दन नहीं छोड़ी। वह साँप के सिर को पेड़ की डाली से बड़े जोर से रगड़ने लगा।


रगड़ते-रगड़ते जब साँप का सिर एकदम टूट गया, तो वह मर गया। तब बंदर ने दूसरे हाथ पर लिपटी साँप की पूँछ उतारकर साँप को नीचे फेंक दिया। दूसरे बंदर डालियों पर बैठे बड़े भय से यह सब देख रहे थे। अब अपने साथी को विपत्ति से बचा देखकर सब आनन्द से किलकारी मारने लगे।

बंदर बड़ा समझदार जानवर है। यह मनुष्य से मिलता-जुलता है। इसके हाथ-पैर आदमी के हाथ-पैर से मिलते हैं, पर इतने साफ नहीं होते। बंदर अधिकतर वृक्षों पर रहते हैं, परन्तु पक्षियों की भाँति ये अपने रहने के लिए घोंसला नहीं बनाते। बंदर अकेला नहीं रहता। यह समूह में रहता है। एक समूह में बीस-पच्चीस से लेकर सौ या इससे भी अधिक बंदर रहते हैं।

40 हर एक समूह का एक मुखिया होता है। समूहों में परस्पर मेल भी होता है और झगड़े भी। बंदरों की लड़ाई बड़ी भीषण होती है।

अफ्रीका में कई जाति के बंदर पाए जाते हैं। उनमें एक का नाम है गोरिल्ला । कोई-कोई गोरिल्ला आदमी के समान बड़े शरीर का होता है। गोरिल्ले बड़े बलवान ओर देखने में भी बहुत भयानक होते हैं। ये घने जंगलों में रहते हैं। ये बड़े ही हिंसक स्वभाव के होते हैं। जिस जंगल में ये रहते हैं, उसमें कोई नहीं जाना चाहता । कभी-कभी हाथी इनके क्षेत्र में बादाम खाने को आ जाते हैं। उस समय ये पेड़ों की डालियों से उनकी सूँड़ पर ऐसी मार मारते हैं कि हाथी घबराकर भाग जाते हैं।

भगवान श्री रामचन्द्र जी के पास बंदरों की बहुत बड़ी सेना थी। हनुमानजी उस सेना में श्रीराम के सर्वप्रिय मुखिया थे। हनुमानजी के कारण कुछ लोग बंदरों को भी हनुमान कहकर पुकारते हैं।

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